November 27, 2023

कैसे हो पाएगा

ज़िन्दगी के उधार बाक़ी हैं

चन्द नहीं बेशुमार बाक़ी हैं

कितने वादे अभी अधूरे हैं 

कितने कौल ओ करार बाक़ी है

हसरतें आरज़ूएं तमन्नाएं

ख्वाहिशें सद हज़ार बाक़ी हैं

दिल में अरमान हूक देते हैं 

रन्जिशों के ग़ुबार बाक़ी हैं

अनगिनत काम अब भी करने हैं 

साँसें गिनती की चार बाक़ी हैं

October 16, 2023

सफ़र ज़िन्दगी का जारी है

 

सफ़र ज़िन्दगी का जारी है

खतम होने की इन्तेज़ारी है

और कितनी दूर जाना है

कुछ न इसकी जानकारी है

 

मुद्दतें बीत ग​ईं चलते हुए

गिरते पड़ते संभलते हुए

बोझ हस्ती का हुआ भारी है

 

आंख धुंधली पांव में छाले हैं

अंजर पंजर ढीले ढाले हैं

सांस तक लेने में दुश्वारी है

August 30, 2023

 मेरा उम्र भर का सफ़र राएगाँ  गया


क़िस्सा--हस्त-ओ-बूद​ मेरा बेबयां गया

मेरा उम्र भर का सफ़र राएगाँ  गया

मन्ज़िल थी सामने रसता भी साफ़ था

फिर भी न उस समत मेरा कारवां गया

तेरी जुस्तजू में जाना भटका हूं दर-ब-दर​

मायूसी हाथ आई मैं चाहे जहां गया

तुम न  थे साथ  फिर भी तन्हा नहीं रहा

तेरा अक्स साथ आया मैं जहां जहां गया

दुश्मन को भी न  मैने कभी बददुआएं दीं

फिर क्या हुआ कि दुश्मन हो आस्मां गया​

मैने न जाने कितने हवाई क़ले बनाये

लेकिन यहां ज़मीं पर मैं ला-मकां गया