November 27, 2023

कैसे हो पाएगा

ज़िन्दगी के उधार बाक़ी हैं

चन्द नहीं बेशुमार बाक़ी हैं

कितने वादे अभी अधूरे हैं 

कितने कौल ओ करार बाक़ी है

हसरतें आरज़ूएं तमन्नाएं

ख्वाहिशें सद हज़ार बाक़ी हैं

दिल में अरमान हूक देते हैं 

रन्जिशों के ग़ुबार बाक़ी हैं

अनगिनत काम अब भी करने हैं 

साँसें गिनती की चार बाक़ी हैं